निगम चाहे कितनी भी सस्ती बिजली की खरीद करे जनता तो पहले भी लुट रही थी और अब भी लुटती रहेगी। क्योंकि निगम ने जो मीटर लगा रखे हैं वे तो 95 प्रतिशत खराब ही रहते हैं और जनता से एवरेज बिल के नाम पर जम कर पैसा लूटा जा रहा है । स्वयं बिजली निगम के कर्मचारी इस बात को दबे मुंह स्वीकार करते है कि हम क्या कर सकते हैं ये मीटर का मामला तो बडे अधिकारियों को भी मालूम है। लोग बेचारे बिल जमा करवाकर मीटर बदलने की अर्जी दे जाते हैं । फिर दो चार महीने में मीटर खराब हो जाता है।
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